बालक गणेश का कटा हुआ सिर देखकर माता पार्वती ने शिवजी से कहा कि आपने मेरे बेटे का सिर काट दिया, इसे जीवित कीजिए। शिवजी ने पूछा कि ये तुम्हारा बेटा कैसे हो सकता है? इसके बाद पार्वती ने शिवजी को पूरी कथा बताई। शिवजी ने पार्वती को मनाते हुए कहा कि ठीक है मैं इसमें प्राण डाल देता हूं, लेकिन प्राण डालने के लिए एक सिर चाहिए।